हँसती हुई आँखो को क्यों रुलाया तुमने। गर मैं तेरा नही था मुझे अपना क्यों बनाया तुमने। पता है मेरी या

हँसती हुई आँखो को क्यों रुलाया तुमने।
गर मैं तेरा नही था मुझे अपना क्यों बनाया तुमने।
पता है मेरी यादें बहुत तड़पायेगी ऐ राज
मेरे मजाक को भी क्यों हकीकत बनाया तुमने।।

हँसती हुई आँखो को क्यों रुलाया तुमने। गर मैं तेरा नही था मुझे अपना क्यों बनाया तुमने। पता है मेरी यादें बहुत तड़पायेगी ऐ राज मेरे मजाक को भी क्यों हकीकत बनाया तुमने।।