चखे हैं जाने कितने जायके महंगे मगर ऐ माँ, तेरी चुल्हे की रोटी सारे पकवानो पे भारी है…

चखे हैं जाने कितने जायके महंगे मगर ऐ माँ, 
 
 तेरी चुल्हे की रोटी सारे पकवानो पे भारी है…

चखे हैं जाने कितने जायके महंगे मगर ऐ माँ, तेरी चुल्हे की रोटी सारे पकवानो पे भारी है…