ज़िंदगी का मुक़द्दर सफ़र दर सफ़र आखिरी सांस तक बेक़रार आदमी हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी फिर भी तनहाइ

ज़िंदगी का मुक़द्दर सफ़र दर सफ़र
आखिरी सांस तक बेक़रार आदमी 

हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी
फिर भी तनहाइयों का शिकार आदमी”

ज़िंदगी का मुक़द्दर सफ़र दर सफ़र आखिरी सांस तक बेक़रार आदमी हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी फिर भी तनहाइयों का शिकार आदमी”