तेरी ख़ुशी की खातिर मैंने कितने ग़म छिपाए.. अगर मैं हर बार रोता तो तेरा शहर डूब जाता

तेरी ख़ुशी की खातिर मैंने कितने ग़म छिपाए..


अगर मैं हर बार रोता तो तेरा शहर डूब जाता

तेरी ख़ुशी की खातिर मैंने कितने ग़म छिपाए.. अगर मैं हर बार रोता तो तेरा शहर डूब जाता