कोई बताये ये उसके ग़ुरूर-ए-बेजा को वो जंग हमने लड़ी

कोई बताये ये उसके ग़ुरूर-ए-बेजा को                                                
वो जंग हमने लड़ी ही नहीं जो हारी है                                                  

दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत
ये एक चराग़ कई आँधियों पे भारी है।

कोई बताये ये उसके ग़ुरूर-ए-बेजा को वो जंग हमने लड़ी ही नहीं जो हारी है दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ये एक चराग़ कई आँधियों पे भारी है।