**__तराशे गये किसी वचन की तरह।
मोहब्बत करी हमने फ़न की तरह।।
मिट जाते थे गिले शिकवे मिलते ही-
वो थी
**__तराशे गये किसी वचन की तरह।
मोहब्बत करी हमने फ़न की तरह।।
मिट जाते थे गिले शिकवे मिलते ही-
वो थी गंगा के आचमन की तरह।।
थकन को क्या खूब सुकून देती थी-
सोफ़े पर रखे हुए कुशन की तरह।
══════❥❥══════__**