**फरमान अपनी हदों में रहने का आ गया है, अब वक्त अलविदा कहने का आ गया हैं.!! शायरियों, ग़ज़लों, कविताओं

**फरमान अपनी हदों में रहने का आ गया है,
अब वक्त अलविदा कहने का आ गया हैं.!!
शायरियों, ग़ज़लों, कविताओं में ढूंढना खुद को,
भारी मन से संदेशा दूर रहने का आ गया हैं!!
बांटी थी खुशियां कभी एक दूसरे से मिल के,
अब अपने अपने दुख सहने का आ गया हैं!!
कभी उड़ता रहता था तेरे ख्यालों में यू ही,
उसके लिए फरमान गमे समुंदर में बहने का आ गया है!!
काबिल तो नहीं था कि दे सकू सारी खुशियाँ,
जहा रहो खुश रहो वक्त ये कहने का आ गया हैं!!
****#sad**

**फरमान अपनी हदों में रहने का आ गया है, अब वक्त अलविदा कहने का आ गया हैं.!! शायरियों, ग़ज़लों, कविताओं में ढूंढना खुद को, भारी मन से संदेशा दूर रहने का आ गया हैं!! बांटी थी खुशियां कभी एक दूसरे से मिल के, अब अपने अपने दुख सहने का आ गया हैं!! कभी उड़ता रहता था तेरे ख्यालों में यू ही, उसके लिए फरमान गमे समुंदर में बहने का आ गया है!! काबिल तो नहीं था कि दे सकू सारी खुशियाँ, जहा रहो खुश रहो वक्त ये कहने का आ गया हैं!! ****#sad**