लगा कर आग गुलशन में वो हाले दिल पूछते हैं। अरे तुम क्या जानोगे हम तुमहारे बारे क्या सोचते हैं। मेरी

लगा कर आग गुलशन में वो हाले दिल पूछते हैं।
अरे तुम क्या जानोगे हम तुमहारे बारे क्या सोचते हैं।
मेरी और तेरी सोच का ये हमेशा फासला रहा।
जिन पत्थर को तुमने राह का रोड़ा समझा उसी को हम पूजते हैं।।

लगा कर आग गुलशन में वो हाले दिल पूछते हैं। अरे तुम क्या जानोगे हम तुमहारे बारे क्या सोचते हैं। मेरी और तेरी सोच का ये हमेशा फासला रहा। जिन पत्थर को तुमने राह का रोड़ा समझा उसी को हम पूजते हैं।।