शमशान की राख देख कर मन में एक ख्याल आया सिर्फ राख होने के लिए इंसान जिंदगी भर दूसरों से कितना जलत

शमशान की राख देख कर मन में 
एक ख्याल आया

सिर्फ राख होने के लिए इंसान जिंदगी भर 
दूसरों से कितना जलता है

शमशान की राख देख कर मन में एक ख्याल आया सिर्फ राख होने के लिए इंसान जिंदगी भर दूसरों से कितना जलता है