लबों तक आकर भी जुबां पर न आए... मोहब्बत में सब्र का वो मुकाम हो तुम...

लबों तक आकर भी जुबां पर न आए...

मोहब्बत में सब्र का वो मुकाम हो तुम...

लबों तक आकर भी जुबां पर न आए... मोहब्बत में सब्र का वो मुकाम हो तुम...