कोई चाहे कितना भी महान क्यों ना हो जाए, पर कुदरत कभी भी किसी को महान बनने का मौका नहीं देती। कंठ दि

कोई चाहे कितना भी महान क्यों ना हो जाए, पर कुदरत कभी भी किसी को महान बनने का मौका नहीं देती।

कंठ दिया कोयल को, तो रूप छीन लिया। 
रूप दिया मोर को, तो ईच्छा छीन ली।
दि ईच्छा इन्सान को, तो संतोष छीन लिया।
दिया संतोष संत को, तो संसार छीन लिया।
दिया संसार चलाने देवी-देवताओं को, तो उनसे भी मोक्ष छीन लिया।
दिया मोक्ष उस निराकार को, तो उसका भी आकार छीन लिया।

मत करना कभी भी ग़ुरूर अपने आप पर 
'ऐ इंसान', मेरे रबने तेरे और मेरे जैसे कितने मिट्टी से बनाके मिट्टी में मिला दिए।

**Join🔻
**[**Motivation**](https://t.me/Hindi_songs_Sirk_motivation_Khan)**
━━━━✧❂✧━━━━**

कोई चाहे कितना भी महान क्यों ना हो जाए, पर कुदरत कभी भी किसी को महान बनने का मौका नहीं देती। कंठ दिया कोयल को, तो रूप छीन लिया। रूप दिया मोर को, तो ईच्छा छीन ली। दि ईच्छा इन्सान को, तो संतोष छीन लिया। दिया संतोष संत को, तो संसार छीन लिया। दिया संसार चलाने देवी-देवताओं को, तो उनसे भी मोक्ष छीन लिया। दिया मोक्ष उस निराकार को, तो उसका भी आकार छीन लिया। मत करना कभी भी ग़ुरूर अपने आप पर 'ऐ इंसान', मेरे रबने तेरे और मेरे जैसे कितने मिट्टी से बनाके मिट्टी में मिला दिए। **Join🔻 **[**Motivation**](https://t.me/Hindi_songs_Sirk_motivation_Khan)** ━━━━✧❂✧━━━━**