सिसकियाँ लेता है वजूद मेरा गालिब,
नोंच नोंच कर खा गई तेरी याद मुझे।
एक अजीब सी जंग छिड़ी है तेरी याद
सिसकियाँ लेता है वजूद मेरा गालिब,
नोंच नोंच कर खा गई तेरी याद मुझे।
एक अजीब सी जंग छिड़ी है तेरी यादों को लेकर,
आँखे कहती हैं सोने दे… दिल कहता है रोने दे....