तेरे **__अश्को पे शर्मिन्दा हू, अब भी उम्मीद पे जिन्दा हू.... निकलूगा ना कभी तेरी कैद से, मैं बड

तेरे **__अश्को पे शर्मिन्दा हू,

अब भी उम्मीद पे जिन्दा हू.... 

निकलूगा ना कभी तेरी कैद से,

मैं बडा जिद्दी परिन्दा हू....__**

तेरे **__अश्को पे शर्मिन्दा हू, अब भी उम्मीद पे जिन्दा हू.... निकलूगा ना कभी तेरी कैद से, मैं बडा जिद्दी परिन्दा हू....__**