इसे इत्तेफाक समझो या दर्द भरी हकीकत, आँख जब भी नम हुई, वजह कोई अपना ही था। -----------------

इसे इत्तेफाक समझो  
या दर्द भरी हकीकत,  
आँख जब भी नम हुई,  
वजह कोई अपना ही था।  
---------------------  
वक़्त बहुत कुछ, छीन लेता है...  
खैर मेरी तो सिर्फ़ मुस्कुराहट थी।

इसे इत्तेफाक समझो या दर्द भरी हकीकत, आँख जब भी नम हुई, वजह कोई अपना ही था। --------------------- वक़्त बहुत कुछ, छीन लेता है... खैर मेरी तो सिर्फ़ मुस्कुराहट थी।