रौनक़ तो तब बढ़ी महफ़िल की,जब दूर से घूँघट में चाँद दिखा। बडे बेसब्र थे,देखने के लिए सभी,लेकिन चाँद थ

रौनक़ तो तब बढ़ी महफ़िल की,जब 
दूर से घूँघट में चाँद दिखा।
बडे बेसब्र थे,देखने के लिए सभी,लेकिन
 चाँद था बादल में छिपा।

रौनक़ तो तब बढ़ी महफ़िल की,जब दूर से घूँघट में चाँद दिखा। बडे बेसब्र थे,देखने के लिए सभी,लेकिन चाँद था बादल में छिपा।