**चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो, सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो. कुछ यूँ चला है ते

**चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो, 
सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो.

कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू, 
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो.🥀**

**चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो, सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो. कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू, सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो.🥀**