वो जो आई थी ज़िंदगी में आस बनकर ख़ंजर उसी ने मारा है ख़ास बनकर, समझती है दुनिया भोली-भाली उसे उसी न

वो जो आई थी ज़िंदगी में आस बनकर
ख़ंजर उसी ने मारा है ख़ास बनकर,

समझती है दुनिया भोली-भाली उसे
उसी ने लूटा है मुझे बदमाश बनकर,

टूट चुका है जिस्म से रूह का त'अल्लुक़
हाँ ! मैं ज़िंदा तो हूँ मगर लाश बनकर।


#JustPost

वो जो आई थी ज़िंदगी में आस बनकर ख़ंजर उसी ने मारा है ख़ास बनकर, समझती है दुनिया भोली-भाली उसे उसी ने लूटा है मुझे बदमाश बनकर, टूट चुका है जिस्म से रूह का त'अल्लुक़ हाँ ! मैं ज़िंदा तो हूँ मगर लाश बनकर। #JustPost