तुम कभी तन्हाई में मुझ पुकारा करोगी मैं लौट आऊंगा जब कोई इशारा करोगी मैं छत पे एक परिंदा बैठा दिया करूँगा जब तुम धूप में जुल्फे सवारा करोगी जो करके शरारते मुझे चूमा करती हो न जाने वो शरारते कब दुबारा करोगी कभी ऐसा करो सीने से लगा लो मुझे कब तक मेरी तस्वीर से गुजारा करोगी..🥀 📖✍️✨