**सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर, इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता बस पत्थर बन के रह जाता ‘ताज मह

**सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर,
इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता

बस पत्थर बन के रह जाता ‘ताज महल’
अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता.🥀**

**सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर, इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता बस पत्थर बन के रह जाता ‘ताज महल’ अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता.🥀**