**इंसान को परखना सीख जाओगे:-** 👉किसी की फितरत देखनी हो तो उसे आज़ादी दो 👉किसी की अच्छाई देखना हो तो उसकी सलाह लो 👉किसी की आदत देखनी हो तो उसे इज्ज़त दो । 👉किसी की नियत देखनी हो तो उसे कर्जा देकर देखो 👉किसी के गुण देखने हो तो उसके साथ खाओ 👉किसी का सब्र देखना हैं तो उसे हिदायत देकर देख लो 👉 किसी की सोच पर रखी है तो उसे पर विश्वास कर कर देख लो 👉 किसी का दुख समझना है तो उसको अपना दुख समझाओ ━──────────────────━
**माता का निंदक धोबी** . जब भगवान श्रीराम अपने धाम को चले उस समय उनके साथ अयोध्या के सभी पशु- पक्षी, पेड़-पौधे मनुष्य भी उनके साथ चल पड़े. उनमें सीता जी की निंदा करने वाला धोबी भी था. . भगवान ने उस धोबी का हाथ अपने हाथ में पकड़ रखा था और उनको अपने साथ लिए चल रहे थे. जिस-जिस ने भगवान को जाते देखा वे सब भगवान के साथ चल पड़े. कहते है कि वहां के पर्वत भी उनके साथ चल पड़े. . सभी पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, पर्वत और मनुष्यों ने जब साकेत धाम में प्रवेश करना चाहा तब साकेत का द्वार खुल गया पर जैसे ही उस निंदनीय धोबी ने प्रवेश करना चाहा तो द्वार बंद हो गया. . साकेत द्वार ने भगवान से कहा- महाराज ! आप भले ही इसका हाथ पकड़ लें पर यह जगत जननी माता सीता जी की निंदा कर चुका है. इसका पाप इतना बड़ा है कि मैं इसे साकेत में प्रवेश की अनुमति नहीं दे सकता. . जिस समय भगवान सब को साथ लिए साकेत की ओर चले जा रहे थे उसी समय सभी देवी-देवता भी आकाश मार्ग से देख रहे थे कि आखिर सीता माता की निंदा करने वाले पापी धोबी को भगवान कहां स्थान दिलाते हैं. . भगवान ने द्वार बन्द होते ही इधर-उधर देखा तो ब्रह्मा जी ने सोचा कि कहीं भगवान इस पापी को मेरे ब्रह्मलोक में ही न भेज दें. ब्रह्मा जी चिंतित हो गए. हाथ हिला-हिलाकर कहने लगे- प्रभु ! इस पापी के लिए मेरे ब्रह्मलोक में कोई स्थान नही है. . इन्द्र ने सोचा कि प्रभु कहीं इसे मेरे इन्द्र लोक में न भेज दे. इससे इंद्र भी घबराए. उन्होंने भी प्रभु को विनती लगाई- प्रभु ! इस पापी के लिए इन्द्र लोक में भी कोई जगह नही है. आप ऐसा आदेश करके मुझे धर्मसंकट में न डालिएगा. . अब ध्रुव जी को चिंता हुई कि कहीं आखिर में प्रभु इस पापी को ध्रुव लोक में ही स्थान न दे दें. इसका पाप इतना बड़ा है की इसके पाप के बोझ से ध्रुव लोक गिरकर नीचे आ जायेगा. यह लोक भी प्रभु ने ही दिया है इसलिए इसकी रक्षा वही करेंगे. . ऐसा विचार कर ध्रुव जी भी कहने लगे- प्रभु आपने ही ध्रुव लोक प्रदान किया है. आप इस पापी को मेरे पास भी मत भेजिएगा. अन्यथा आपके द्वारा प्रदत्त मेरा ध्रुव लोक इस पापी के कारण संकट में आ जाएगा. रक्षा करिएगा प्रभु. . दस लोकों के दसों दिकपालों को भी चिंता थी. जिनका अपना अलग से लोक बना था उन सभी देवताओं ने विनय पूर्वक प्रभु से गुहार लगाई और उस निकृष्ट पापी धोबी को अपने लोक मे रखने से क्षमा याचना के साथ मना कर दिया. . भगवान खड़े-खड़े मुस्कुराते हुए सबका चेहरा देख रहे हैं पर कुछ बोलते नहीं. देवताओं की भीड़ में यमराज भी खड़े थे. यमराज ने सोचा कि ये किसी लोक में जाने का अधिकारी नहीं है. . अब इस पापी को भगवान कहीं मेरे यहां न भेज दें. माता की निंदा करने वाले को किसी देवता ने स्थान नहीं दिया. यदि मेरे लोक में स्थान मिल गया तो देवताओं के बीच निंदा का कारण भी बन सकता हूं. इसे यम पुरी में नहीं रखा जा सकता. . यमराज जी घबराकर उतावली वाणी से बोले- महाराज ! स्वामी ! आपने जिसका हाथ थाम रखा है वह इतना बड़ा पापी है कि इसके लिए मेरी यम पुरी में भी कोई जगह नहीं है. . अब धोबी को घबराहट होने लगी कि मेरी दुर्बुद्धी ने इतना निंदनीय कर्म करवा दिया कि यमराज भी मुझे नहीं रख सकते. अब तो मेरा जाने क्या हो. . भगवान ने धोबी की घबराहट देखकर संकेत से कहा- तुम घबराओ मत ! मैं अभी तुम्हारे लिए एक नए साकेत का निर्माण करता हूं. तब भगवान ने उस धोबी के लिए एक अलग साकेत धाम बनाया. . सिय निँदक अघ ओघ नसाए, लोक बिसोक बनाइ बसाए। . ऐसा अनुभव होता है कि आज भी वह धोबी अकेला ही उस साकेत में पड़ा है जहां कोई देवी-देवता का वास नहीं है. न हीं तो वह किसी को देख सकता है और न ही उसको कोई देख सकता है. इस तरह धोबी न घर का रहा न घाट का.
जीवन में जो भी करो, पूरे समर्पण के साथ करो...। प्रेम करो तो मीरा की तरह.... प्रतीक्षा करो तो शबरी की तरह... भक्ति करो तो हनुमान की तरह... शिष्य बनो तो अर्जुन के समान... और मित्र बनो तो स्वयं कृष्ण के समान जय श्री कृष्णा
सारा ज़माना एक तरफ और कंधे पर बाप का हाथ एक तरफ़ ...
⚡⚡Two Indian Air Force pilots were killed in action when their Pilatus trainer aircraft crashed at 8:55 during training at Air Force Academy, Dindigul in Telangana. The pilots include an instructor and one cadet: Indian Air Force officials.
जब परिस्थिति बदलना हमारे बस में ना हो तब मन की स्थिति बदल के देखिए, सब कुछ तो नहीं पर बहुत कुछ आपके अनुरूप हो जाएगा...!
समय बहरा है सुनता किसी की नहीं, लेकिन अंधा नहीं है देखता सबको हैं...!
जब दिमाग कमजोर होता है, परिस्थितियां समस्या बन जाती हैं… जब दिमाग स्थिर होता है, परिस्थितियां चुनौती बन जाती हैं... लेकिन जब दिमाग मजबूत होता है, परिस्थितियां अवसर बन जाती हैं...!
A man is great by deeds, not by birth. कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं.
इस शख्स के पास है 6000 करोड का घर, लेकिन फिर भी नहीं है खुश!
युद्धक्षेत्र में वह कभी नहीं हारता जो लड़ा ही नहीं। हारता भी वही है जो युद्ध लड़ने का साहस रखता है। सफलता और असफलता भी ऐसे ही हैं। असफल भी तो वही होता है जो सफलता की मंजिल को पाने के लिए आगे बढ़ता है। जो बढ़ ही नही रहा वह क्या असफल होगा। व्यक्ति को कभी भी असफलता से नही घबराना चाहिए,अपितु असफलता से सीख मिलती है कि आप कहाँ चूके। संसार में ऐसा कोई सफल व्यक्ति नहीं जो अपने जीवन में कभी न कभी असफल न हुआ हो; इसलिए असफलता का भय त्याग सफलता प्राप्ति के पथ पर दृढ़संकल्प के साथ बढ़ चलो और मत रुको जब तक मंजिल यानि सफलता मिल नही जाती...
**अनुभव जीवन के** **आप जो कुछ भी हैं अपने फैसलों की वजह से हैं** आजकल उस पत्थर की बड़ी चर्चा है जिससे राम जी की मूर्ति बननी है। एक बार एक मंदिर का निर्माण हो रहा था,मूर्तिकार को भगवान की मूर्ति बनानी थी सो वह पत्थर की तलाश में निकला,पास ही नदी किनारे उसे दो पत्थर दिखाई दिये,उसने उन पत्थरों से कहा कि मेरे साथ चलो मैं तुम्हारा जीवन बदल दूंगा,तुमको भगवान बनाऊंगा। -उस से क्या होगा पत्थरों ने पूछा ? उससे आपको सब कुछ मिलेगा, ढेर सारा सम्मान मिलेगा, क्या अमीर क्या गरीब राजा रंक सभी लोग तुम्हारे सामने हाथ जोड़े खड़े रहेंगे। -अरे वाह फिर तो बना दो,पर कैसे बनाओगे ? -आपके ऊपर छेनी-हथौड़ी चलाऊंगा, काट-छांट करूंगा कुछ दिनों बाद तुम्हारा ट्रांसफाॅर्मेशन हो जाएगा और तुम पत्थर से भगवान बन जाओगे। - अरे नहीं.. नहीं,मुझे दर्द नहीं झेलना,मैं यहीं पड़ा ठीक-ठाक हूं, पहले पत्थर ने मना कर दिया पर दूसरे पत्थर ने विचार किया कि जीवन में कुछ बड़ा बनना है तो दर्द तो सहना ही पड़ेगा सो वह तैयार हो गया । काम शुरू हो गया दूसरा पत्थर उसका मजाक उड़ाता था यह चुपचाप दर्द सहता था। कुछ ही दिनों में मूर्तिकार ने उससे एक भव्य प्रतिमा बनाई और मंदिर में लगा दी, अगले दिन मंदिर का उद्घाटन था तभी आयोजकों को याद आया कि लोग नारियल कहां फोड़ेंगे, कोई पत्थर तो है ही नहीं,लोग भागे-भागे गए और उसी पत्थर को जिसने मार खाने से इंकार कर दिया था, उसे ले आये। लोग आज तक उस पर पटक-पटक कर नारियल फोड़ रहे हैं,पहला पत्थर सम्मान पा रहा है दूसरा मार खा रहा है। मनुष्य जीवन में जो कुछ भी है वह सिर्फ और सिर्फ अपने फैसलों की वजह से ही है । पहले पत्थर ने कड़ा फैसला लिया संघर्ष किया और आज सुख का जीवन जी रहा है। दूसरे पत्थर ने कंफर्ट जोन को प्राथमिकता दी और आज तक मार खा रहा है। यही फैसला हम सबको करना है कुछ दिन कंफर्ट जोन का त्याग करके संघर्ष करके आगे बढ़ना है और सुख का जीवन व्यतीत करना है या अभी कंफर्ट जोन में रहकर आगे जीवन भर संघर्ष में रहना है। **मर्जी आपकी क्योंकि जीवन आपका है ..** @good_morning_wish #motivation #goodmorning
लड़ लो, झगड़ लो लेकिन कभी परिवार से अलग मत होना ! क्योंकि बिना गुच्छे वाले अँगूर का क़ोई मोल भाव नहीं होता ! 🌸 **शुभ प्रभात** 🌸
अगर ज़िंदगी को खुशहाल बनाना चाहते हो,, तो अपने विचारों को चुनना सीखो,, हमारे विचार व व्यवहार ही हमारी प्रशन्नता,और व्यथित होने के परिचायक है,,!! 🌸 **शुभ प्रभात** 🌸
⚡⚡ With pleasure we bring you this free lesson on how to eat a Banana like a Royalty!!
**किसी से ईर्ष्या करके मनुष्य उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता, पर अपनी नींद और सुख चैन अवश्य खो देता है...!**
⚡⚡Uncleji😂
प्रेरणा लेनी है तो लहरों से लीजिये इसलिये नही कि वे उठती हैं और गिर जाती हैं बल्कि जब भी गिरती है नए जोश से फिर उठ जाती हैं......... 🌸 **शुभ प्रभात** 🌸
इंसान जब श्मशान से किसी अपने को अग्नि में अर्पण करके आता हैं तो घर के रास्ते भर वह सब बुराईयाँ छोड़ कर जीवन सार्थक बनाने का... प्रण मन ही मन में करता हैं परन्तु घर आके वो जैसे ही नहाता हैं उसके समस्त सुविचार धुल जाते हैं और वो उसी दुनिया में वापस रंग जाता हैं, यही जीवन हैं |
कुछ तो बहुत अच्छा ज़रुर है सभी में , फिर ज़रा सी बुराईयों का हिसाब क्या रखना...!
A man is great by deeds, not by birth. कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं.
विश्व का 8वां अजूबा बना अंकोरवाट मंदिर। विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर है अंकोरवाट मंदिर। भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर कम्बोडिया के अकोरयोम में स्थित है जिसे प्राचीनकाल में यशोधरपुर कहा जाता था।
⚡ Tunnel rescue Update : Workers have begun to come out. Operation intensifies to rescue the 41 workers trapped inside the Silkyara tunnel. CM Pushkar Singh Dhami tweeted that the work of inserting the pipe inside the tunnel is complete and all the workers will be rescued soon.
⚡ In the midst of continuous prayers for the workers who are trapped, it is comforting to see **International Tunneling Expert Arnold Dix** praying at the Baba Baukhnath Temple, which is situated near the Silkyara Tunnel's main entrance. He is sincerely praying for a safe rescue for the 41 workers.
नौकर की परीक्षा जब वह कर्त्तव्य का पालन न कर रहा हो तब करे. रिश्तेदार की परीक्षा जब आप मुसीबत मे हो तब करे. मित्र की परीक्षा विपरीत काल मे करे. जब आपका वक्त अचछा न चल रहा हो तब पत्नी की परीक्षा करे.
**1. Simple रहें लेकिन Stylish दिखें... 2. सख्त बनो लेकिन नरम दिखो... 3. तनावग्रस्त रहें लेकिन शांत दिखें... 4. विजेता बनें लेकिन एक बड़े विजेता की तरह दिखें... यही तो जिंदगी जीने का तरीका है...!**