**भूले नहीं हैं तुमको, ना ही कभी भूल पाएंगे, कुछ इस तरह धोखा दिया तूने कि अब ना किसी से दिल लगा पाएंगे।** #sad #broken
💞💞बहाने हजार मिल जायेंगे मुझसे दूर जाने के... 💞💞पर ये याद रखना..मोहब्बत के हर कदम पर याद मेरी ही आयेगी...
कुछ कस्में हैं जो हम आज भी निभा रहें हैं, तुम्हें चाहते थे और तुम्हें ही चाह रहें हैं.....
**हाल क्या कहूं ....लग गई हैं नजर तुम्हारी, तुम्हारी थी...इसलिए अब तक नही उतारी!!!! ****#love**
ज़िंदगी का मुक़द्दर सफ़र दर सफ़र आखिरी सांस तक बेक़रार आदमी हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी फिर भी तनहाइयों का शिकार आदमी”
*ये खामोश से लम्हें ये गुलाबी ठंड के दिन* *तुम्हें याद करते-करते एक और चाय तुम्हारे बिन ...* 💞💞💞💞💞💞
हमारे हाथों में इक शक़्ल चाँद जैसी थी तुम्हें ये कैसे बताएं वो रात कैसी थी.. महक रहे थे मिरे होंठ उसकी ख़ुश्बू से अजीब आग थी बिलकुल गुलाब जैसी थी...
"उम्र और ज़िन्दगी में बस फ़र्क इतना है, जो दोस्तों के बिना बीती वो उम्र और जो दोस्तों के साथ गुज़री वो ज़िन्दगी !!"
कुछ लोगों को लगता है मुझे उनकी चलाकियांन समझ नही आती, में बड़ी खामोशी से देखता हूं उनको अपनी नजरो से गिरते हुए।
हमारे दिल की मत पूछो साहब बड़ी मुश्किल में रहता है....... हमारी जान का दुश्मन हमारे दिल मे रहता है😐
तुम्हारी दुआओं से मिल जाये शायद कामियाबी मुझे, ये सोच कर अपनी हर दुआ में याद रखना.
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग... हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता...!
**चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो, सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो. कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू, सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो.🥀**
**पत्थर हूँ मैं चलो मान लिया...** **तुम हुनरमंद थे तो मुझे तराशा क्यों नहीं**..!!
सोचती हूं तुम मेरा ख्याल तो नहीं, और हकीक़त हो गर तो सामने आओ ना, यूं तो कई बार तुम ख्वाबों में आए हो, गर सच हो तुम तो बाहों में आओ ना, हाथों में मेरी लार्जिस हो रखी है, थाम कर इसे रोकने को आओ ना, यूं तो रोई कई बार हूं मै तन्हाई में, आज तन्हा रहने को मन नहीं, तुम महफ़िल सजाने को आओ ना,।। #FromSubscriber
**दुश्मन भी मेरे मुरीद है शायद वक्त बे वक्त मेरा नाम लिया करते है मेरे गली से गुजरते है छुपा के खन्जर रू-ब-रू होने पर सलाम किया करते हैं**
जुबा तो खोल, नज़र तो मिला,जवाब तो दे में कितनी बार लुटा हु, मुझे हिसाब तो दे तेरे बदन की लिखावट में हैं उतार चढाव में तुझको कैसे पढूंगा, मुझे किताब तो दे
मेरे महबूब को ही मेरी क़दर नहीँ, वरना शहर के सारे हसीं मुझसे एक मुलाक़ात की फ़िराक़ में रहते हैँ...!!
**झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया, इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होता। ****#life**
**ये वहम था मेरा कि वो मेरे बगैर एक पल जी नहीं सकती, जी लिया..... तभी तो यूं मुझे तन्हां छोड़ दिया..।** 💔 💔 #sad #broken
नीलाम कुछ इस कदर हुए, बाज़ार-ए-वफ़ा में हम आज, बोली लगाने वाले भी वो ही थे, जो कभी झोली फैला कर माँगा करते थे।
मैंने दिल को मना लिया है.... अब ये तेरे बिना भी धड़केगा ....
दो ही गवाह थी मेरी मोहब्बत के, *वक़्त और वो* एक गुजर गया, दूसरा मुकर गया।
वो शायर होते हैं जो शायरी लिखते हैं, हम तो बदनाम से लोग हैं सिर्फ दर्द लिखते हैं!!