एक साथ चार कंधे देख कर ज़हन में आया.! एक ही काफी था, गर जीते जी मिला होता.!!
कोई मुँह फेर लेता है तो 'क़ासिर' अब शिकायत क्या तुझे किस ने कहा था आइने को तोड़ कर ले जा
आवाज़ लगाने पर तो जमाना सुन लेता है जो खामोशी सुने , उसे मोहब्बत कहते है 🍁🍁
हिज्र से पहले हम भी तअ'ज्जुब करते थे कैसे हरा पत्ता पीला पड़ जाता है
**__तुम चल पड़े हो जिनपे उन राहों को देखिये, जो मुन्तजिर हैं फैली, उन बाहों को देखिये, दिखते हैं जमाने के हसीं मंजर तुम्हें तमाम, जो देखती हैं तुमको उन निगाहों को देखिये, जिस हुश्ने-बेमिशाल ने रख दी उड़ा के नींद, आज आ के हुश्न की उन अदाओं को देखिये, घुलतीं जो कानों में कभी शहद के मानिन्द, अब दूर से आती हैं उन सदाओं को देखिये। 💝__**
**उसके ख्यालों से रंग गयी है रूह तक मेरी, अब किसी और का ख्याल आये तो आये कैसे।** #love
सिसकियाँ लेता है वजूद मेरा गालिब, नोंच नोंच कर खा गई तेरी याद मुझे। एक अजीब सी जंग छिड़ी है तेरी यादों को लेकर, आँखे कहती हैं सोने दे… दिल कहता है रोने दे....
खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते हैं, हँसती आँखों में भी जख्म गहरें होते हैं, जिनसे अक्सर रूठ जाते है हम असल में उनसे ही रिश्ते ज्यादा गहरे होते हैं…
**शायद बहुत जान लिया उन्होंने हमें, यही वजह थी कि हम बुरे लगने लगे उन्हें। ****#life**
Mai kisi ko kya ilzaam du apni maut ka ae dosto yaha to satane wale bhi apne the aur dafnaane wale bhi apne the....
चाहत का क्या ..? किसी को भी चाह लें... मसला मोहब्बत का है, सिर्फ एक से होती है..!!
फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए
**जाने बाला कमियां देखता हैं, निभाने बाला काबलियत.!! **#life
Chand panne kya phate hamari Zindagi ki kitaab ke Logo ne samjha hamara daur hi khatm ho gaya........
तिनका सा मै और समुन्दर सा इश्क़। डूबने का डर और डूबना ही इश्क़।
**__लेकर चले हम ज़िन्दगी। क़ाफ़िलों में ज़िन्दगी।। कभी धूप के,कभी छाँव के- सिलसिलों में ज़िन्दगी। काटी है उम्र मीलों में, यायावरी के पहियों पर। देखी हैं चालें वक्त की- रवि-चाँद की घड़ियों पर। जीत जाती,मात खाती, यूँ दिलों में ज़िन्दगी। लेकर चले हम ज़िन्दगी। क़ाफ़िलों में ज़िन्दगी।। है रास्तों से राब्ता, जाने नही कब से पता। न नक़्शा है,न नाम है, देता हमें जो सब जता। गुमशुदा सी और जुदा सी मंज़िलों में ज़िन्दगी। लेकर चले हम ज़िन्दगी। क़ाफ़िलों में ज़िन्दगी।। हवाओं ने सहलाया है, तूफ़ानों से उजड़ी है। खुद ही खुद के सामने, सही ग़लत हो खड़ी है। बँट गई है फ़रिश्तों में क़ातिलों में ज़िन्दगी। लेकर चले हम ज़िन्दगी। क़ाफ़िलों में ज़िन्दगी।। कभी धूप के,कभी छाँव के- सिलसिलों में ज़िन्दगी।😍 ══════❥❥══════__**
सांसे तो रोक लू अपनी,ये तो मेरे बस में है! यादें कैसे रोकू तेरी, तू तो मेरी नस-नस में है।
एक गलती रोज कर रहे है हम , जो मिलेगी नहीं , उसी पे मर रहे हैं हम 🥺💔
कितना मैं लिखूं तुझे और कितना तू 'अहमद' को पढ़ेगा, जितना जाएगा तू दूर मुझसे, मुझसे तेरा ईश्क़ और बढ़ेगा ! ©अhमαद
जाने वाले से राब्ता रह जाए घर की दीवार पर दिया रह जाए इक नज़र जो भी देख ले तुझ को वो तिरे ख़्वाब देखता रह जाए इतनी गिर्हें लगी हैं इस दिल पर कोई खोले तो खोलता रह जाए कोई कमरे में आग तापता हो कोई बारिश में भीगता रह जाए नींद ऐसी कि रात कम पड़ जाए ख़्वाब ऐसा कि मुँह खुला रह जाए झील सैफ़-उल-मुलूक पर जाऊँ और कमरे में कैमरा रह जाए Tehzeeb Hafi
मैं बेचैन सा लगता हूँ ,वो राहत जैसी लगती है, मै सो जाता हूँ ख्वाबों में,वो भीतर मेरे जगती है..!! मै हूँ जन्म जन्म का प्यासा,भरी हुई नदी वो, मेरे विचलित मन के भीतर,वो अग्नि सी तपती है..!!
बाते तो जमाने के लिए है तुम आना, तुम्हे तो दिल की धड़कन सुनाएंगे।
**चंद लफ़्ज़ों के तक़ल्लुफ़ में ये इश्क़ रुका हुआ है....!! वो इक़रार पे रुके है और हम इंतज़ार पे....!!**
**__न जाने कौन सा आँसू मेरा राज़ खोल दे, हम इस ख़्याल से नज़रें झुकाए बैठे हैं। 💔__**
रस्मे उल्फ़त ही इज़ाज़त नहीं देता वरना... हम भी ऐसा तुम्हें भूलें के सदा याद करो...
**कितना सुकूँन है तुझे चाहने में, और तुझसे 'कुछ ना 'चाहने में.....**
मैने दो दो मोहब्बत तोल कर देखा है तेरी मोहब्बत का खुमार ज्यादा रहा। मैं बीमार होता रहता हूं आम तौर पर पर तेरी मोहब्बत में बीमार ज्यादा रहा। जाने कहां से लाया गया मेरी किस्मत निशाने कम रहे तीरंदाज ज्यादा रहा। जिम्मेदारी निभा कर ये जान पाया मैं खुश कम रहा परेशान ज्यादा रहा। अजीब माया देखा है खलनायक कुदरत का इंसान शांत कम और हैरान ज्यादा रहा।। ༄ᶦᶰᵈ᭄✿𝒌𝒉𝒂𝒍𝒏𝒂𝒚𝒂𝒌
चखे हैं जाने कितने जायके महंगे मगर ऐ माँ, तेरी चुल्हे की रोटी सारे पकवानो पे भारी है…
**रिश्तों की धूप थी – शाम हुई और ढल गई अब उससे क्या गिला – वो अगर भूल गई🥀**
तूफान ज्यादा हो तो कशतियां भी डूब जाती है ... और अहंकार ज्यादा हो तो हस्तियां भी डूब जाती है !
**जब मन कमजोर होता है... परिस्थितियां समस्या बन जाती हैं। जब मन स्थिर होता है... परिस्थितियां चुनौती बन जाती हैं। जब मन मजबूत होता है... परिस्थितियां अवसर बन जाती हैं...** 🥀🥀
इतनी चाहत से न देखा कीजिए महफ़िल में आप,... .. शहर वालों से हमारी दुशमनी बढ़ जायेगी....
पीने पिलाने की क्या बात करते हो, कभी हम भी पिया करते थे, जितनी तुम जाम में लिए बैठे हो, उतनी हम पैमाने में छोड़ दिया करते थे!!
*┄┅════❁♥❁════┅┄* फिजाओं से उलझ कर एक हसीं यह राज जाना हैं जिसे कहतें हैं मोहब्बत वह नशा ही कातिलाना है ... *༺♥༻*
सादगी मशहूर है हमारी, खुशमिजाजी भी कमाल है। हम शरारती भी इंतेहा के है, तनहा भी बेमिसाल है।।
मेरी आँखो ने पकड़ा है, उन्हे कई बार रंगे हाथ.. वो इश्क करना तो चाहते है , मगर घबराते बहुत है..
Dil ki aawaj se nagame badal jate he. Waqt na sath de to apne badal jate he. Palko ko aap sambhal kar jhapakna, kyuki palke jhapakne se aksar sapne badal jate he.
Mai kisi ko kya ilzaam du apni maut ka ae dosto yaha to satane wale bhi apne the aur dafnaane wale bhi apne the....
**फरमान अपनी हदों में रहने का आ गया है, वक्त अलविदा कहने का आ गया हैं.!! ****#life** **#sad**
तकलीफ़ ये नहीं कि किस्मत ने धोखा दिया हमको...... तकलीफ़ तो ये है कि मेरा ऐतबार तुमपे था.... किस्मत पे नहीं...!!
Pata nhi kyo par jis din bat thodi kam ho Us din pyar bahut ata he tum par 😍 #love
Kisi Ne Yun Hi Pooch Liya Humse Ki Dard Ki Keemat Kya Hai, Humne Hanste Huye Kaha Pata Nahin... Kuch Apne Muft Me De Gaye.
हल्की सी हो चुकी है नाजुक पलके मेरी, मुद्दतो बाद इन नजरो से गिरा है कोई....
आ जाओ फिर से मेरे खयालो में... कुछ बातें करतें हैं... कल जहाँ ख़तम हुई थी... वहीं से शुरुआत करते हैं...!!
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हा होगया सबकुच खतम हमारे बीच जब जब तुमने कहा ...बस.. पर जो भी था बडा खुबसुरत था... ...Nutan #FromSubscriber
तुम्हारा ख्याल मेरे मन से जाये भी .......तो जाये कैसे, कि तुम मेरे ख्याल के....... ......... ख़्यालों मे भी शामिल हो...!!
ना डरा मुझे ऐ वक़्त नाकाम होगी तेरी हर एक कोशिश ज़िन्दगी के मैदान में खड़ा हूँ माँ की दुवाओ को लेकर।
देखते हैं अब क्या मुकाम आता है साहब, सूखे पत्ते को इश्क़ हुआ है बहती हवा से।
**वो कहते है ना कि कुछ बेहतर सोचो तो बेहतर ही होगा, मैंने सोचा की तुम्हे ही सोचु तुमसे बेहतर क्या होगा..🥀**