वो जो आई थी ज़िंदगी में आस बनकर ख़ंजर उसी ने मारा है ख़ास बनकर, समझती है दुनिया भोली-भाली उसे उसी ने लूटा है मुझे बदमाश बनकर, टूट चुका है जिस्म से रूह का त'अल्लुक़ हाँ ! मैं ज़िंदा तो हूँ मगर लाश बनकर। #JustPost
**__उसने बस यूँ ही उदासी का सबब पूछा था, मेरी आँखों में सिमट आये समंदर सारे। 💔__**
मुझसे दिल ना लगाओ, बेवफा हूं मैं तुम्हे एक दिन तन्हा कर जाऊंगा, आज तेरी आंखो में कुछ ख्वाब,कुछ उम्मीदें हैं मैं कल इन आंखों को में पानी भर जाऊंगा, जिसे तुम मुझे मोहब्बत का निशान समझ रही हो कल मैं नासूर जख्म बन कर उभर जाऊंगा, मैं दुखों से भरा एक गहरा समंदर हूं खुशियों का पल नहीं जो पल भर में गुजर जाऊंगा, किसी हकिम, खुदा के पास इलाज नहीं मेरे जख्मों का आज,कल क्या पता किस वक्त मर जाऊंगा । JB Singh......
ये कौन है जो बिछा जाता है सतरंज की बिसात मैं खेलता भी नही और कर जाता है मुझे मात। अरे लड़ना ही है तो मैदान में आ ऐ राज मुझको हरा दे भला किसमें है इतनी औक़ात।।
बस यही दो मसले, ज़िन्दगी भर ना हल हुए, ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए, वक़्त ने कहा…..काश थोड़ा और सब्र होता, सब्र ने कहा….काश थोड़ा और वक़्त होता !
उसकी आँखों में मोहब्बत की चमक आज भी है हालांकि उसे मेरी मोहब्बत पर शक आज भी है नाव में बैठ कर धोये थे,हाथ उसने कभी पूरे तालाब में मेहंदी की महक आज भी है छू तो नहीं पाया उसे प्यार से कभी पर मेरे होठों पर उसके होठों की झलक आज भी है हर बार पूछते हैं,हमारी चाहत का सबब वैसी ही इश्क की ये परख आज भी है नहीं रह पते वो भी हमारे बिना दोनों तरफ इश्क की दहक आज भी है
मुझसे बेहतर उन्हें कोई मिला नहीं, अब तक उसकी तलाश जारी है ! आज भी खो जाता है 'अहमद' उसकी यादों में, ख़ुद में ख़ुद की तलाश अभी तक जाती है ! ©अhमαद
में हमेशा डरता था उस खोने से, उसने ये डर ही खत्म कर दिया मुझे छोड़कर। #sad #life
लबों तक आकर भी जुबां पर न आए... मोहब्बत में सब्र का वो मुकाम हो तुम...
❛जो जले थे हमारे लिए, बुझ रहे है वो सारे दिये,,, कुछ अंधेरों की थी साजिशें, कुछ उजालों ने धोखे दिए. ❜😊 #Error
तेरी ख़ुशी की खातिर मैंने कितने ग़म छिपाए.. अगर मैं हर बार रोता तो तेरा शहर डूब जाता
**__उँगलियाँ आज भी इसी सोच में गुम हैं, कि कैसे उसने नए हाथ को थामा होगा। 💔__**
शायद बहुत जान लिया उन्होंने हमें, यही वजह थी कि हम बुरे लगने लगे उन्हें।
**याद कर रहे थे बस शिकवे करने को तुमसे, तुम आए तो इश्क़ है,ये बात दोहरा दिए..!!**
वो बेवफा था तो उसपर कहां गुज़ारा किया बिछड़के हमने भी इक इश्क़ फिर दोबारा किया उसी के साथ रहे, रोज़-ओ-शब गुज़ारा किया बिछड़ के उस से कहां इश्क़ फिर दोबारा किया - शकील आज़मी
**__तराशे गये किसी वचन की तरह। मोहब्बत करी हमने फ़न की तरह।। मिट जाते थे गिले शिकवे मिलते ही- वो थी गंगा के आचमन की तरह।। थकन को क्या खूब सुकून देती थी- सोफ़े पर रखे हुए कुशन की तरह। ══════❥❥══════__**
जाने वाले कभी वापस वापस आते और आने वाले कभी छोड़ कर नही जाते है
दर बदर भटकते रहे हम सुकून की तलाश में अब एहसास हुआ कि सुकून तो मिलेगा जिंदगी के बाद में
**__तुम्हारी याद में आँसू बहाना यूँ भी जरूरी है, रुके दरिया के पानी को तो प्यासा भी नहीं छूता। 💔__**
मौसम बदल गया ज़माने बदल गए, लम्हों मे लोग बरसों पुराने बदल गए, दिनभर रहे जो मेरी मुहब्बत की छाओं मे, वो लोग धुप ढलते ही ठिकाने बदल गए।
**बे नाम जिंदगी की हक़ीक़त न पूछो। कुछ पुर्खुलुस लोग थे बर्बाद कर गए!!**
कितने अज़ीब लोग हैं? बात पकड़ कर इंसान छोड़ देते हैं
मुझे पहले लगता था, जाति मसला है,,, मैं फिर समझ गया इश्क़ कायनाती मसला है.... ══════❥❥══════
बादलों की ओट से सूरज निकलने वाला है.. सफर जारी रखो, वक्त बदलने वाला है। #life
"शक तो था मोहब्बत में नुक़सान होगा, पर सारा हमारा ही होगा ये मालूम न था !!"
मैं क्या हूं तुम्हारे लिए, ये तो तुम्हारा मन जाने...! मेरे लिए तो इस शोर भरी, दुनियां में सुकून हो तुम...!!❤✍️✍️
धडकनों को कुछ तो काबू में कर ए दिल....!! अभी तो पलकें झुकाई है मुस्कुराना अभी बाकी है उनका.. ...!!
जब भी मिलता है एक नया अफसाना लिखता है। हर खत में मुझकों वो अपना दीवाना लिखता है। मुझकों ही वो अपनी जागीर समझता है ऐ राज। छोड़कर मुझकों जाना मत ये बन अनजाना लिखता है।।
मोहब्बत की बर्बादी का क्या अफसाना था, दिल के टुकड़े हो गये पर लोगो ने कहा वाह क्या निशाना था...
मेरे दिल की हर धड़कन पर तेरी ही हुकूमत हो, मेरे इश्क की सारी राहें तुम से तुम तक हो।।
हमें उनसे मोहब्बत थी ये बात पुरानी हो गई, छोड़ो उसका नाम लेकर उसे क्यों बदनाम करे| अब वो और किसी के सपनो की रानी हो गई||
बेवफाई उसकी मिटा के आया हूँ ख़त उसके पानी में बहा के आया हूँ कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ
कह दूंगा,हुई थी मोहब्बत, और जिस से हुई थी वो, मोहब्बत के काबिल नही थी. 🙂
यहां रहने वाले सब धोखे के मारे हैं यहां तकदीर से बर्बाद होने वाला कौन है मोहब्बत कायम है जब तक तू जिंदा है प्यार तुझे तेरे बाद करने वाला कौन है यहां इश्क नहीं लोग दिलों को कैद करते हैं यहां दिल को आजाद करने वाला कौन है यहां सब मौत की दुआएं मांगते हैं जिंदगी ए रकीब फरियाद करने वाला कौन है मतलब के साथ लोग निकाल देते हैं जिंदगी से यहां दिलों में याद भरने वाला कौन है तू बेशक मर जा सूरज डूबने से पहले JB यहां तुझे याद करने वाला कौन है। JB Singh......
जो ना मिले उसी की चाहत क्यों होती हैं..… जो मिल जाए उसके लिए दिल में चाहत क्यों नहीं होती.. जिसे समझते हैं वो हमे समझता कहा हैं... जो हमे समझता है उसे हम कहा समझते हैं..... जो ना मिले उसके पीछे भागते हैं.... जो मिल जाए उसकी कदर कहां होती हैं...
इश्क़ तो मेरा महफूज़ है तुझ में... ज़िस्म अलग है पर रूह है तुझमें, यादें और शमाँ भरी हैं बस इस दिल में... बस तू है तू है और सिर्फ तू है मुझमे।
वो लड़कर भी सो जाए तो उसका माथा चूमूँ मैं, उससे मोहब्बत एक तरफ़ है उससे झगड़ा एक तरफ़। 🥀
बदनसीबी देखो मुझे उसका दीदार नसीब ना हुआ मंदिर, मस्जिद, दरगाह कहां कहां घूम लिया होगा, जब गुजरा उसकी गली से तो कांच के टुकड़े पड़े थे शायद उसने देखकर खुद को आइना चूम लिया होगा। JB Singh.....
**__ये जो मेरे अलावा तुम पर मरते है, वो मर क्यों नहीं जाते!😒__**
अपने ही दुख महसूस नहीं होते, मुझे इस दुनिया ने पत्थर बना दिया। #life
सब ने चाहा कि तुम्हे हम ना मिलें हम ने चाहा तुम्हें ग़म ना मिलें अगर ख़ुशी मिलती है तुम्हे हम से जुदा होकर तो दुआ है ख़ुदा से कि तुम्हें कभी हम ना मिलें. 💔💔💔😊😊😊
घर में भी दिल नहीं लग रहा, काम पर भी नहीं जा रहा, जाने क्या ख़ौफ़ है जो तुझे चूम कर भी नहीं जा रहा, रात के तीन बजने को हैं, यार ये कैसा महबूब है? जो गले भी नहीं लग रहा और घर भी नहीं जा रहा 🥀
फिक्र तेरी है मुझे इसमें कोई शक नहीं तुम्हे कोई और देखे किसी को ये हक नहीं...❤️
जिस दिन सादगी श्रृंगार हो जाएगी..... यकिन मानिये उस दिन आइने की हार हो जाएगी...!!
मैं जनता हूँ के मुझमें बहुत सी कमियां हैं... अगर आप मुकम्मल हैं तो छोड़ दिजिए मुझे...
एक साथ चार कंधे देख कर ज़हन में आया.! एक ही काफी था, गर जीते जी मिला होता.!!
कोई मुँह फेर लेता है तो 'क़ासिर' अब शिकायत क्या तुझे किस ने कहा था आइने को तोड़ कर ले जा
आवाज़ लगाने पर तो जमाना सुन लेता है जो खामोशी सुने , उसे मोहब्बत कहते है 🍁🍁
हिज्र से पहले हम भी तअ'ज्जुब करते थे कैसे हरा पत्ता पीला पड़ जाता है
**__तुम चल पड़े हो जिनपे उन राहों को देखिये, जो मुन्तजिर हैं फैली, उन बाहों को देखिये, दिखते हैं जमाने के हसीं मंजर तुम्हें तमाम, जो देखती हैं तुमको उन निगाहों को देखिये, जिस हुश्ने-बेमिशाल ने रख दी उड़ा के नींद, आज आ के हुश्न की उन अदाओं को देखिये, घुलतीं जो कानों में कभी शहद के मानिन्द, अब दूर से आती हैं उन सदाओं को देखिये। 💝__**