ये मैंने कब कहा कि मेरे हक़ में फ़ैसला करे अगर वो मुझ से ख़ुश नहीं है तो मुझे जुदा करे मैं उसके साथ जिस तरह गुज़ारता हूँ ज़िंदगी उसे तो चाहिए कि मेरा शुक्रिया अदा करे मेरी दुआ है और इक तरह से बद्दुआ भी है ख़ुदा तुम्हें तुम्हारे जैसी बेटियाँ अता करे बना चुका हूँ मैं मोहब्बतों के दर्द की दवा अगर किसी को चाहिए तो मुझसे राब्ता करे Tehzeeb Hafi
कलम से लिख नहीं सकते उदास दिल केे अफ़साने हम तुम्हे दिल से याद करते है बाकी तुम्हारे दिल की खु़दा जाने...
दिखूं मैं तेरी आँखों में तू मेरी आँखों मे दिखा कर, अच्छा लगेगा मुझे कभी मेरे लिए भी तो लिखा कर ! ©अhमαद
**__तेरा ख़याल तेरी तलब और तेरी आरज़ू, इक भीड़ सी लगी है मेरे दिल के शहर में। 💝__**
लगता है फिर से दिल टूटने वाला है किसी ने हंस के मेरा मिजाज पूछा है JB Singh
**__इश्क़ में मेरा इस कदर टूटना तो लाजमी था, काँच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी। 💔__**
प्यार नज़रो में आना नही चाहिए, रोज़ मिलना मिलाना नही चाहिए, लोग पागल समझने लगेंगे तुम्हे, रात दिन मुस्कुराना नही चाहिए, बारिशों के इरादे खतरनाख है, अब पतंगे उड़ाना नहीं चाहिए... मेने ये सोच कर दे दिया दिल उसे, दिल किसीका दुखाना नहीं चाहिए... एक कमले में अंजुम कटे जिंदगी, हर जगह गुल खिलाना नहीं चाहिए.. Anjum
कागज के बेजान परिंदे भी उड़ते है दोस्तों, बस डोर सही हाथ में होना चाहिए।
**__सहारा लेना ही पड़ता है मुझको दरिया का, मैं एक कतरा हूँ तनहा तो बह नहीं सकता। 💔__**
मेरी हर बात पे नाराज न हो। कुछ ऐसा नही कहता जिसमे एहसास न हो। तेरा मेरा कैसे चलेगा आगे तक रिश्ता ऐ राज। जब तुमको मुझपर और मुझे तुझपर विश्वास न हो।।
बात तो सही है मैं बराबरी का नही हूं, तुम तक पहुंचने में गिरना बहोत है... !!
इसे इत्तेफाक समझो या दर्द भरी हकीकत, आँख जब भी नम हुई, वजह कोई अपना ही था। --------------------- वक़्त बहुत कुछ, छीन लेता है... खैर मेरी तो सिर्फ़ मुस्कुराहट थी।
**चांद ख़ामोश सा जा रहा था कहीं हमने भी उससे कोई बात नहीं की**
फूलों की हिफाजत कर ये तुम्हारी दुनिया महकाएगी, यकीन ना हो तो किसी अपने को दे कर देखो, वो मुस्कुरा के तुमसे लिपट जाएगी।
फासला इश्क़ की शिद्दत को बढ़ा देता है... इसलिए रब ने मुझे तुझसे दूर रखा है...
बो आयने में खुद को कैसे बर्दाश्त करते होंगे, उन्हें तो सख्त नफ़रत थी धोखेबाजों से।
हम ने चलना छोड़ दिया अब उन राहों में... टूटे वादों के टुकड़े चुभते है अब पांवो में نا مکمل عشق
ज़ख्म दिल पर लगा है मेरे, और वो ढूंढ मेरी आंखों में रहे हैं!!
**यूँ तो मुझे बदनामी अपनी अच्छी नहीं लगती, मगर लोग तेरे नाम से छेड़ें तो बुरा भी नहीं लगता !!**
**__निकला है जनाजा तब हार चढ़ाने आई है, बेवफा मेरे मरने के बाद प्यार जताने आई है। 🤬__**
तू ये मत सोचना तुझसे जुदा हो के हम सुकून से सोते है , तुझे क्या पता तेरी तस्वीर को रखके हम कितना रोते हैं।।
जहां आंखों के आंसू बोलते हैं वहीं भगवान भी पट खोलते हैं
ख़्वाब में मेरे उसका किस्सा चलता है, अपना तो बस इतना हिस्सा चलता है, जब उसका जी चाहे तब वो बात करें, उसकी मर्ज़ी से ही रिश्ता चलता है।
नया पाने की चाहत में पुराना छूट जाता है , मैं तेरा हाथ जो थामूं जमाना रूठ जाता है , मोहब्बत पढ़ने-लिखने में बहुत आसान होती है , पर मोहब्बत को निभाने में पसीना छूट जाता है। दर-बदर
तेरे **__अश्को पे शर्मिन्दा हू, अब भी उम्मीद पे जिन्दा हू.... निकलूगा ना कभी तेरी कैद से, मैं बडा जिद्दी परिन्दा हू....__**
**__पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती, दिल में क्या है वो बात नही समझती, तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है, पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती…__** 💖
"अभी-अभी एक टूटा तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था, चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा बिलकुल तेरे जैसा था...!"
कभी देखो हस्र किताबो का पढ़ाई के बाद। कभी देखो हस्र दीवानों का जुदाई के बाद। बड़ा मुश्किल होता सच्ची मोहब्बत करना। साथ नही छूटता है दिलवर का बड़ी से बड़ी तबाही के बाद।।
**__गुजर गया वक्त जब हम तुम्हारे तल्बगार थे, अब जिंदगी बन जाओ तो भी हम कबूल नही करेंगे। ❤️🔥__**
मुकद्दर में लिखा के लाये हैं , दर-ब-दर भटकना... मौसम कोई भी हो , परिंदे परेशान ही रहते हैं...!!
पढ़ तो लिया है इनको मगर कैसे फैंक दू खुशबू तुम्हारे हाथ की इन कागजों में आज भी है
बूढ़े मां बाप के आँख का नूर था वो बेटा जो तुम्हारी मोहब्बत में अब टूट चुका है 😞😞
कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं, मौत इंसानों को आती है यादों को नहीं....
**__तराशे गये किसी वचन की तरह। मोहब्बत करी हमने फ़न की तरह।। मिट जाते थे गिले शिकवे मिलते ही- वो थी गंगा के आचमन की तरह।। थकन को क्या खूब सुकून देती थी- सोफ़े पर रखे हुए कुशन की तरह। ══════❥❥══════__**
खुदा तो इक तरफ.. खुद से भी कोसों दूर होता है इंसान जिस वक्त.. ताकत के नशे में चूर होता है...
इस दौर में इंसान का चेहरा नहीं मिलता, कब से मैं नक़ाबों की तहें खोल रहा हूँ।
मैंने कब कहा के मुझकों अबके अब समझ के देख... फ़ुर्सत मिले दुनियां से मुझकों तब समझ कर देख... तू है अगर हवा तो मुझे परिन्दा मान ले... तू है अगर दरिया तो मेरी तलब समझ कर देख... तू है अगर तू ही है मेरी नज़र में बस... मेरी सबरे ख़ामोशी का शवव समझ कर देख... मैं कहती हूं इश्क़❤️ ही हो जायेगा मुझसे... तू मेरी किसी ग़ज़ल का मतलब समझ कर देख... है आरजू अगर आरजू को आरजू ही रख... तन्हाइयों में जीने का अदब समझ कर देख..... .....
अब रिहा कर दो साहब अपने खयालों से मुझे…!! लोग सवाल करने लगे हैं कि कहाँ रहते हो आज कल…!!
तुम्हारी तस्वीर को हर हाल चूमूँगा, तुम्हारी बाते तुम्हारे ख़्याल चूमूँगा, मैं तुम्हारी आँखों को चूमने के बाद, होंठ की बजाय तुम्हारे गाल चूमूँगा, यक़ीनन वो साल अच्छा ही गुज़रेगा, पहले दिन मैं तुम्हे जिस साल चूमूँगा, तुम मिरे चूमने का इंतिज़ार किया करोगी, ऐ जाँ मैं तुम्हे इतना कमाल चुमूँगा। 🥀
मेरे दिल की हर धड़कन पर तेरी ही हुकूमत हो, मेरे इश्क की सारी राहें तुम से तुम तक हो।।
महफूज़ कर रखा है इस दिल को हमने, वर्ना इसमे बसने के तलबगार बहुत हैं! 😌😌
लड़ते रहे हम तु तु करने वालो से... जी जी करने वाले हमारी जान ले गये...
**सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर, इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता बस पत्थर बन के रह जाता ‘ताज महल’ अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता.🥀**
**__मैं उसी का जिम्मेदार हु - जो मैंने कहा है उसका नही - जो तुमने समझा हैं...!!__**
हम ठहरे मुसाफिर यारों उसने घर बुलाकर लूट लिया वो जानते थे हम जागे है कई बरसों से कमबख्त ने सीने पर सुला कर लूट लिया JB Singh
होंठो में ही दम तोड़ देते हैं अब अल्फ़ाज़ मेरे। कौन ख्याल रखेगा मेरा बाद तेरे। कैसे जीने देगा हर वो लम्हा मुझे ऐ राज जो जीवन गुजारा है मैंने साथ तेरे।।
मुझे पाने की ज़िद तू ना कर, किसी की छोड़ी हुई मोहब्बत हूँ मैं...
**__तेरे इश्क़ में में इस तरह नीलाम हो जाऊ… .आख़री हो तेरी बोली और में तेरे नाम हो जाऊ!!💟😍__**
**__मिलावट है तेरे इश्क में इतर और शराब की, कभी हम महेक जाते है कभी हम बहेक जाते हैं😍__**
शान से मुस्कुरा कर,सिक्के उछाल के निकले हम जिसके भी, ख़्वाब ओ खयाल से निकले ऐसे निकले कि फिर,कभी मुड़कर नहीं देखा जैसे की कोई तीर, किसी, कमान से, निकले भैरव